Pardhan Mantri Karishi Sinchayi Yojna (PMKSY – ERSTWHILE IWMP)
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY – पूर्व IWMP)
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ अधिकांश जनसंख्या खेती पर निर्भर है। लेकिन खेती आज भी काफी हद तक वर्षा पर आधारित है। असमान बारिश, जल संसाधनों का असंतुलित उपयोग और सिंचाई की अपर्याप्त सुविधाएँ किसानों की आय और उत्पादन को प्रभावित करती हैं। इन चुनौतियों को दूर करने और कृषि को स्थायी व लाभकारी बनाने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) की शुरुआत 1 जुलाई, 2015 को की। इसका उद्देश्य है – “हर खेत को पानी” और “प्रति बूंद अधिक फसल।”
योजना की पृष्ठभूमि
इस योजना को कई पुरानी योजनाओं को मिलाकर बनाया गया, ताकि जल प्रबंधन और सिंचाई की सभी समस्याओं का एक ही छतरी के नीचे समाधान किया जा सके। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं –
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP) – जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय,
- एकीकृत जलग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम (IWMP) – भूमि संसाधन विभाग,
- ऑन फार्म वाटर मैनेजमेंट (OFWM) – कृषि एवं सहकारिता विभाग।
इस योजना को कैबिनेट कमेटी ऑन इकॉनॉमिक अफेयर्स, जिसकी अध्यक्षता माननीय प्रधानमंत्री जी करते हैं, द्वारा मंजूरी दी गई। इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये का प्रावधान पाँच वर्षों में किया गया। वर्ष 2015-16 के लिए 5,300 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था।
प्रधान उद्देश्य
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:
- खेती योग्य भूमि को सिंचाई के दायरे में लाना।
- खेत पर जल उपयोग दक्षता बढ़ाना।
- ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को प्रोत्साहित करना।
- जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना।
- अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करना।
- खेत स्तर पर विभिन्न विभागों की निवेश योजनाओं का एकीकरण करना।
योजना के प्रमुख घटक
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP): पुराने और अधूरे पड़े सिंचाई प्रोजेक्ट्स को पूरा करना।
- हर खेत को पानी: प्रत्येक खेत तक पानी पहुँचाने के लिए जल स्रोतों का निर्माण और वितरण व्यवस्था मजबूत करना।
- प्रति बूंद अधिक फसल: ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक तकनीकों से पानी की बचत और उत्पादकता बढ़ाना।
- जलागम क्षेत्र विकास (Watershed Development): वर्षा जल संचयन, मिट्टी संरक्षण और भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना।
लाभ
- सिंचाई क्षेत्र का विस्तार हुआ और बारिश पर निर्भरता घटी।
- उत्पादन और किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई।
- जल उपयोग दक्षता बढ़ी और जल की बर्बादी रुकी।
- भूजल स्तर में सुधार और पर्यावरण संरक्षण हुआ।
- खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास को मजबूती मिली।
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निष्कर्ष
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) भारत के किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह केवल पानी उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है बल्कि हर बूंद का सही और अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करती है। “हर खेत को पानी और प्रति बूंद अधिक फसल” का यह संकल्प भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर, टिकाऊ और समृद्ध बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।